रविवार, 13 दिसंबर 2009

पिंजरै वाली मैना, भजो ना सिया राम राम।

पिंजरै वाली मैना, भजो ना सिया राम राम।

भजो ना सिया राम राम, रटोना राधे श्याम श्याम॥टेर॥

पाँच तत्व का बण्या पिंजरा, जिसमें रहती मैना।

जाया नाम जनम का रहसी, किस विध होसी रहना॥1

रंग रंगीला बण्या पिंजरा, जिसमें रहती मैना।

खुल जाया पिंजरा, उड़ जाय मैना, किस विध होसी रहना॥2

भजन करो ये प्यारी मैना, नहीं काग बण ज्याना।

जहर पियाला कव्वौ पिवै, अमृत पिवै मैना॥3

दास कबीर बजावै वाला, गाय सुनावै मैना।

भगवत की गत भगवत जाणै, नहीं किसीने जाणा॥4

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